मानव संस्थान से आप क्या समझते हैं, Manav Sansadhan Se Aap kya Samajhte Hain
आज आप जानेंगे कि “मानव संस्थान से आप क्या समझते हैं(manav sansadhan se aap kya samajhte hain).” ये प्रश्न का उत्तर बहुत सारे ऐसे छात्र है जो जानना चाहते है. क्योकि ये सवाल बहुत ज्यादा परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं. आइये इसके बारे में जान लेते हैं.
मानव संस्थान से आप क्या समझते हैं?
मानव संसाधन एक ऐसी अवधारणा है जो जनसंख्या को आर्थिक व्यवस्था के दायित्व से अधिक संपत्ति के रूप में देखती हैं. और शिक्षा प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश और अन्य परिणाम मानव संसाधन के रूप में बदल जाते हैं .
मानव संसाधन उत्पादन में उपयोग होने वाली पूँजी होती हैं. यह मानव पूँजी कौशल और उन्में निहित उत्पादन से जुड़े ज्ञान का भंडार हैं. यह प्रतिभाशाली और काम पर लगे हुए लोगों और उनके संगठन से सफलता के बीच की कड़ी को चिन्हित करने का एक मूल सूत्र है.
यह उद्योग मनोविज्ञान और सिद्धांत प्रणाली से जुड़े अवधारणाओं से संबद्ध है. मानव संसाधन की संदर्भ के आधार पर दो व्याख्याएं बताई जाती हैं.
मानव संसाधन का मूल अर्थ राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थशास्त्र से लिया गया हैं. जहाँ पर इसे परम्परिक रूप से उत्पादन के चार कारकों में से एक श्रमिक को कहाँ जाता हैं.
जबकि यह दृष्टिकोण राष्ट्रीय स्तर पर नए और योजना विधि में खोज के कारण बदल रहा है.
जिसमे पहला तरीका मानव संसाधन है जो कि मानव संसाधन विकास के रूप प्रयुक्त होता हैं. यह संसाधन संगठनों से शुरू होकर राष्ट्रिय स्तर तक हो सकती हैं.
वैसे परम्परिक तौर पर उस व्यापार में काम करने वाले लोग के लिए तथा कंपनी के उस हिस्से को जो नियुक्ति करते है, और निकालते है, प्रशिक्षण देने तथा दूसरे व्यक्तिगत मुद्दों से जुड़ा है उसे मानव संसाधन प्रबंधन के नाम से भी जाना जाता हैं. और इसके लिए प्रयुकी भी किया जाता हैं.
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Manav Sansadhan Se Aap kya Samajhte Hain
जब मनुष्य या उसके समूहों में नीहित उत्पादन क्षमता और उनके कौशल से संचालित एक स्थायी आर्थिक विकास के लिए कार्य करते है तो वो मानव संसाधन कहलाता हैं. या इसके नाम से जाना जाता हैं. और जैसे उन जनसंख्या या कर्तव्यों और दायित्व से परे परिसंपत्तियों के संदर्भ में समग्र पूंजी मानजाता है तो इसे ही मानव संसाधन के रूप में परिभषित किया जाता हैं.