Rahim ke kavya ka mukhya vishay kya hai | रहीम के काव्य का मुख्य विषय क्या है
नमस्कार, आज के इस पोस्ट में हम आपको Rahim ke kavya ka mukhya vishay kya hai | रहीम के काव्य का मुख्य विषय क्या है? इसकी पूरी जानकारी देंगे. यह सवाल अक्सर विद्यार्थी google पर खोज करते रहे हैं.
रहीम मुसलमान होते हुए भी हिन्दी में अपने द्वारा रचित उत्कृष्ट शायरी के लिए हिन्दी में बहुत गौरवान्वित स्थान रखते हैं. हालांकि उन्होंने कोई महाकाव्य नहीं लिखा था. लेकिन उनकी रचनाओं में जीवन के विभिन्न अनुभवों का मार्मिक चित्रण मिलता है और अनुभवों की सत्यता के कारण वे हिंदी में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं.
Rahim ke kavya ka mukhya vishay kya hai | रहीम के काव्य का मुख्य विषय क्या है
उत्तर – रहीम की कविता या काव्य का मुख्य विषय श्रृंगार, नीति और भक्ति है. रहीम बहुत लोकप्रिय कवि थे. उनके दोहे आम आदमी को आसानी से याद हो जाते हैं. उनके नैतिक दोहे अधिक लोकप्रिय हैं, जिनमें कवि ने उन्हें दैनिक जीवन का दृष्टान्त देकर सहज, सरल और बोधगम्य बना दिया है. अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं पर रहीम का समान अधिकार प्राप्त था. उन्होंने अपने काव्य में प्रभावशाली भाषा का प्रयोग किया है
बाबा राम रहीम के बारे में जानकारी दीजिए
- जन्म- 1556 ई०, लाहौर।
- मृत्यु- 1627 ई० के लगभग।
- पिता- बैरम खाँ।
- रंचनाएँ- ‘रहीम सतसई’, ‘बरवै नायिका भेद’, ‘मदनाष्टक’, ‘रास पंचाध्यायी’ आदि।
- काव्यगत विशेषताएँ
- वर्ण्य-विषय- नीति, भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, शृंगार ।
- रस- शृंगार, शान्त, हास्य।
- भाषा- अवधी तथा ब्रज, जिसमें अरबी, फारसी, संस्कृत के शब्दों का मेल है।
- शैली- नीतिकारों की प्रभावोत्पादक वर्णनात्मक शैली।
- अलंकार- दृष्टान्त, उपमा, उदाहरण, उत्प्रे्षा आदि।
- छन्द- दोहा, सोरठा, बरवै, कवित्त, सरवैया।
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